ब्यूरो | मार्च 27, 2025
लखनऊ: सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कंपनी से कथित रूप से कमीशन मांगने के आरोप में निलंबित किए गए IAS अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इस मामले में पुलिस जांच तेज हो गई है, और निकांत जैन से होने वाली पूछताछ से अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश के निलंबन का आधार SAEL Solar P6 Pvt. Ltd. के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता की शिकायत बनी है। शिकायत में कहा गया था कि कंपनी की यूनिट स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था, जिस पर मूल्यांकन समिति की बैठक में विचार हुआ। इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने विश्वजीत दत्ता को निकांत जैन से संपर्क करने के लिए कहा, जिसके बाद पांच प्रतिशत कमीशन मांगने का खेल शुरू हुआ।

निकांत जैन की कॉल डिटेल से खुलेंगे राज
निकांत जैन के खिलाफ दर्ज एफआईआर में भी एक वरिष्ठ अधिकारी का उल्लेख है। कोर्ट ने भी जांच अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका स्पष्ट करें। पुलिस अब निकांत जैन को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की योजना बना रही है। इसके अलावा, उनकी कॉल डिटेल की जांच की जा रही है, जिससे यह पता चल सके कि वह किन अधिकारियों के संपर्क में थे और भ्रष्टाचार के इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल था।
डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में भी कार्रवाई की तैयारी
सिर्फ सौर ऊर्जा घोटाले ही नहीं, अभिषेक प्रकाश पर डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सरकार ने इस मामले में 15 अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इनमें चार तत्कालीन एसडीएम और एक एडीएम (प्रशासन) भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।
बढ़ सकती हैं कानूनी मुश्किलें
अभिषेक प्रकाश के निलंबन के बाद अब विभागीय जांच और पुलिस जांच दोनों तेज हो गई हैं। पुलिस का कहना है कि निकांत जैन के बयानों के बाद कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ऐसे में यह मामला सिर्फ एक अफसर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कई बड़े अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ सकती है।
सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, अब देखना यह होगा कि इस मामले में कौन-कौन घिरता है और किस तक जांच की आंच पहुंचती है।
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