संवाददाता | फरवरी 25, 2025
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को महाकुंभ आयोजन में देखी गई खामियों पर सवाल उठाते हुए स्थायी आधारभूत संरचना और ₹2 लाख करोड़ के कोष की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने महाकुंभ को धार्मिक आयोजन के बजाय राजनीतिक मंच बना दिया, जिसके चलते भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और संगम के जल की स्वच्छता जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं चरमरा गईं।

अखिलेश ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की रिपोर्टें इस बात की गवाह हैं कि संगम का जल अत्यधिक प्रदूषित है, जो भाजपा सरकार की विफलता को उजागर करता है। उन्होंने कहा, "महाकुंभ संतों, धर्माचार्यों और आम जनता की आस्था का विषय है, लेकिन भाजपा ने इसे राजनीति का साधन बना दिया।"
गंगा सफाई पर खर्च हुआ पैसा कहां गया?
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाने के नाम पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन नदी की स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने कहा, "पैसा कहां गया, कोई नहीं जानता, लेकिन गंगा की सफाई नहीं हुई।"
स्थायी ढांचे के लिए ₹2 लाख करोड़ का कोष बनाने की मांग
अखिलेश यादव ने महाकुंभ के बेहतर आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार से ₹2 लाख करोड़ का कोष बनाने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि आधे फंड से स्थायी बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाए, जबकि बाकी राशि तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर खर्च की जाए।
उन्होंने यह भी दोहराया कि केंद्र सरकार को प्रयागराज किले को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप देना चाहिए, ताकि महाकुंभ को बेहतर ढंग से आयोजित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर यह संसाधन उपलब्ध होंगे, तो भविष्य में ट्रैफिक जाम और भगदड़ जैसी त्रासदियों को रोका जा सकेगा।
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