top of page

देहरादून की सड़कों पर 'मौत की रफ्तार': एक साल में 164 की जान गई, 23 ब्लैक स्पॉट बने हादसों के गवाह

लेखक की तस्वीर: संवाददाता संवाददाता

संवाददाता | मार्च 13, 2025


देहरादून: राजधानी की सड़कों पर तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक साल में 450 से अधिक सड़क दुर्घटनाओं में 164 लोगों की जान चली गई, जबकि 390 से ज्यादा लोग घायल हुए। खासकर रात के समय सुनसान सड़कों पर रफ्तार और नशे का घातक मेल जानलेवा साबित हो रहा है। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद नशे में धुत चालक बेधड़क सड़कों पर वाहनों को दौड़ा रहे हैं, जिससे सड़कें मौत का जाल बनती जा रही हैं।

 
सड़क दुर्घटना
 

राजपुर रोड बनी 'हादसों की सड़क', पैदल चलना भी खतरनाक

राजपुर रोड हादसों का हॉटस्पॉट बन चुकी है, जहां आए दिन तेज रफ्तार वाहन खुद दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं या दूसरों को चपेट में ले रहे हैं। शहर की प्रमुख सड़कों पर रात में पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है, जबकि दोपहिया वाहन चालक जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर हैं


शहर में रफ्तार का 'अंधा खेल'

दून की सड़कें दिनभर ट्रैफिक से जूझती हैं, लेकिन रात के अंधेरे में यहां कारों और दोपहिया वाहनों की अंधी रेस शुरू हो जाती है। खासकर बाहरी राज्यों से आने वाले लोग भी सड़कों पर मर्यादा भूलकर रफ्तार के नशे में खो जाते हैं। लग्जरी कारों के मालिक भी शो ऑफ और रौब दिखाने के लिए खतरनाक स्टंट और ओवरस्पीडिंग करते हैं, जिससे कई बार मासूम राहगीर भी इनका शिकार हो जाते हैं।


शहर में 23 'ब्लैक स्पॉट', हर मोड़ पर खतरा

देहरादून पुलिस ने शहर में 23 स्थानों को 'खतरनाक जोन' घोषित किया है, जहां सड़क हादसे सबसे ज्यादा होते हैं। इनमें प्रमुख स्थान हैं:

घंटाघर, दर्शनलाल चौक, प्रिंस चौक, सहारनपुर चौक, तहसील चौक, जीएमएस रोड, बल्लूपुर चौक, बल्लीवाला चौक, मसूरी डायवर्जन, जाखन तिराहा, आरटीओ तिराहा, रिस्पना पुल तिराहा, आराघर जंक्शन, रेसकोर्स चौराहा, किशननगर तिराहा, कारगी चौक, अजबपुर चौक-हरिद्वार बाईपास और लालपुल तिराहा।


पुलिस के पास संसाधन, फिर भी नहीं थम रही स्पीडिंग

हालांकि, पुलिस के पास आधुनिक संसाधन और स्पीड गन जैसी तकनीक मौजूद है, लेकिन फिर भी रफ्तार पर लगाम लगाने में वे नाकाम साबित हो रहे हैं। नशे में गाड़ी चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है, ताकि दून की सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके।


क्या दून की सड़कों पर थमेगी मौत की रफ्तार?

सवाल यह है कि युवाओं में बढ़ती यह खतरनाक प्रवृत्ति कब रुकेगी? प्रशासन और पुलिस को कड़े नियम लागू कर न केवल रात में ओवरस्पीडिंग पर नियंत्रण करना होगा, बल्कि ऐसे खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। वरना यह तेज रफ्तार का खेल न जाने और कितनी जानें लेगा।

 


Comments


Join our mailing list

bottom of page