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नेपाल सरकार की चेतावनी: 'भारत जाने के लिए छात्रों को NOC नहीं देंगे', KIIT छात्रा मृत्यु मामले पर कड़ा रुख

  • लेखक की तस्वीर: सुरम्य पोस्ट
    सुरम्य पोस्ट
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एजेंसी | फरवरी 19, 2025


भुवनेश्वर। ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाली छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद नेपाल सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ओडिशा के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक नेपाली छात्रों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने पर रोक लगाई जा सकती है।

 
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क्या है मामला?

बीटेक (कंप्यूटर साइंस) की तीसरे वर्ष की छात्रा प्रकृति लमसल (20) का शव 16 फरवरी को उसके हॉस्टल रूम में संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला बताया जा रहा है, लेकिन छात्रों और परिजनों ने इसके पीछे मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।


छात्रों के एक समूह ने दावा किया कि प्रकृति को उसके बैचमेट और पूर्व प्रेमी अद्विक श्रीवास्तव द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। इस घटना के विरोध में KIIT परिसर में जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि सुरक्षा कर्मियों और फैकल्टी मेंबर्स ने नेपाल के छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया।


नेपाल सरकार का कड़ा रुख

नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इस गंभीर घटना के बाद भारत में अध्ययनरत नेपाली छात्रों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि विदेश मंत्रालय और भारत सरकार के साथ राजनयिक वार्ता जारी है ताकि प्रभावित छात्रों को आवश्यक सहयोग और सुरक्षित माहौल मिल सके।


कार्रवाई और नेपाल में राजनीतिक हलचल

मामले के बढ़ते दबाव के बीच KIIT प्रशासन ने गर्ल्स हॉस्टल के निदेशक और कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है। वहीं, ओडिशा पुलिस ने आरोपी अद्विक श्रीवास्तव के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।


नेपाल की संसद में भी यह मुद्दा जोर-शोर से उठा। सांसद शिशिर खनाल, बीना लामा, सीता मिजर, शेर बहादुर कुंवर और शांति बीका ने नेपाली छात्रों की सुरक्षा और न्याय की मांग की।


नेपाल के प्रधानमंत्री का बयान

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि नेपाली दूतावास के दो अधिकारियों को छात्रों की मदद के लिए ओडिशा भेजा गया है। साथ ही, उन्होंने कहा कि छात्रों को यह निर्णय लेने की स्वतंत्रता है कि वे हॉस्टल में रहें या स्वदेश लौटें।


नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने बताया कि भारत सरकार ने नेपाल के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।


यह मामला नेपाल-भारत के शैक्षणिक संबंधों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। अब सभी की नजरें इस पर हैं कि भारत सरकार और KIIT प्रशासन आगे क्या कदम उठाते हैं।

 

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