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पुरुषों के लिए न्याय की गुहार: लखनऊ में M.A.R.D. पार्टी की प्रेस वार्ता

संवाददाता | जनवरी 12, 2025


लखनऊ | न्यायिक प्रणाली की लिंगभेदी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए, M.A.R.D. पार्टी ने आज यूपी प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता आयोजित की। राष्ट्रीय अध्यक्ष कपिल मोहन चौधरी ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और पुरुषों के प्रति अन्याय और न्यायिक अव्यवस्था को उजागर किया।


कपिल मोहन चौधरी ने कहा, “न्यायालय का मूल उद्देश्य निष्पक्षता और न्याय है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था पुरुषों को ‘शादी का अपराधी’ बनाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि महिला कानूनों का उपयोग अब सशक्तिकरण के बजाय पुरुष उत्पीड़न के लिए किया जा रहा है।

 
M.A.R.D. पार्टी की प्रेस वार्ता

 

मामले और घटनाएं

प्रेस वार्ता में कई पीड़ितों ने अपने अनुभव साझा किए -

1. कृष्ण कुमार तिवारी (सोनभद्र): उनकी पत्नी ने शादी के बाद झूठे शपथपत्र देकर अपने संसाधनों को छिपाया और उनसे गुजारा भत्ता के रूप में भारी रकम की मांग की। अदालत ने बिना ठोस जांच किए पति पर अंतरिम गुजारा भत्ता का आदेश जारी कर दिया।

2. सुरेंद्र कुमार यादव (आर्मी जवान): उनकी शादी केवल छह दिन चली। पत्नी ने पति से किसी भी संबंध से इनकार करते हुए कोर्ट से आर्थिक सहायता प्राप्त की। मामले का ट्रायल वर्षों से लंबित है।

3. योगेश कुमार (लखीमपुर खीरी): उन्होंने अपने परिवार पर झूठे आरोपों के कारण वर्षों से चले आ रहे उत्पीड़न का दर्द साझा किया।

4. सोनू राय (गोरखपुर): उन्होंने मंच से हिंदू विवाह परंपराओं को तोड़ने और न्यायालयों द्वारा पतियों को ‘शादी का अपराधी’ करार देने की प्रथा पर सवाल उठाया।


अतुल मोदी प्रकरण

चर्चा के दौरान, आईटी इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी की आत्महत्या का मामला भी उठाया गया, जिन्होंने 80 मिनट के वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट में अपनी पत्नी, ससुराल और न्यायपालिका को जिम्मेदार ठहराया था। यह घटना न्यायिक भ्रष्टाचार और पुरुषों के प्रति अन्याय का एक ज्वलंत उदाहरण बन गई है।


पारिवारिक न्यायालयों पर सवाल

चौधरी ने कहा कि अदालतें महिलाओं के झूठे आरोपों को नजरअंदाज कर पुरुषों को कठघरे में खड़ा कर रही हैं। उन्होंने 2020 के सुप्रीम कोर्ट के रजनीश बनाम नेहा मामले का जिक्र करते हुए बताया कि गाइडलाइनों का पालन नहीं किया जा रहा है।


मीडिया से अपील

चौधरी ने समाज के चौथे स्तंभ मीडिया से आग्रह किया कि वे इस अन्याय को उजागर करें और भारत की आधी आबादी, यानी पुरुषों और उनके परिवार की महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना सहयोग दें।


कार्यक्रम का समापन

प्रेस वार्ता का समापन सभी उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया।

 

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