संवाददाता | फरवरी 26, 2025
बरेली की एक अदालत ने 2010 में तत्कालीन एसपी कल्पना सक्सेना पर हमले के मामले में तीन पूर्व ट्रैफिक पुलिसकर्मियों और एक ऑटो चालक को 10 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों दोषियों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

क्या है पूरा मामला?
2 सितंबर 2010 को तत्कालीन एसपी कल्पना सक्सेना को सूचना मिली कि बरेली के नकटिया क्रॉसिंग पर कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मी ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। जब वह मौके पर पहुंचीं तो आरोपी भागने लगे। एसपी सक्सेना ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन धर्मेंद्र कुमार नामक एक आरोपी ने उनके सिर पर हमला कर दिया, जिससे वह सड़क पर गिर गईं।
सजा और कार्रवाई
विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता की अदालत ने 23 फरवरी को दोषी करार देते हुए 26 फरवरी को सजा सुनाई। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की आधी राशि बरेली ट्रैफिक विभाग को दी जाएगी। यदि दोषी जुर्माना नहीं चुकाते हैं तो उनकी सजा 1 साल और बढ़ा दी जाएगी।
दोषियों की पहचान
पूर्व ट्रैफिक पुलिसकर्मी: मनोज कुमार, राघवेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार
ऑटो चालक: धर्मेंद्र कुमार (रविंद्र का भाई)
घटना के बाद तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था और विभागीय जांच के बाद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं।
अपराधी परिवारिक पृष्ठभूमि
पुलिस के अनुसार, आरोपियों रविंद्र और धर्मेंद्र कुमार के पिता मेघनाथ सिंह कुख्यात अपराधी थे, जिनका 1982 में फर्रुखाबाद में एनकाउंटर हुआ था।
पीड़िता की प्रतिक्रिया
कल्पना सक्सेना, जो अब गाजियाबाद की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) हैं, ने फैसले पर संतोष जताते हुए कहा,"इस फैसले से संदेश जाता है कि वर्दी में अपराध करने वाले भी सजा से बच नहीं सकते। अभियोजन पक्ष की टीम ने बेहतरीन काम किया है।"
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