संवाददाता | फरवरी 24, 2025
प्रयागराज के महाकुंभ में इस बार एक खास आकर्षण बना हुआ है—ब्राजील से आए भगवान शिव के भक्तों का एक बड़ा समूह, जिसने अपनी अनूठी भक्ति से श्रद्धालुओं का ध्यान खींचा है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर संगम में स्नान करने के लिए यह जत्था विशेष रूप से रियो डी जनेरियो और साओ पाउलो से प्रयागराज पहुंचा है। इन शहरों में भगवान शिव के कई मंदिर हैं, और वहां रहने वाले ये भक्त वर्षों से शिवभक्ति में लीन हैं।
शिवभक्ति की अनूठी परंपरा
ब्राजील से आए इन भक्तों के शरीर पर भगवान शिव से जुड़े धार्मिक टैटू गुदे हुए हैं, जिनमें त्रिशूल, डमरू और महाकाल की आकृतियां प्रमुख हैं। कुछ पुरुषों ने त्रिशूल के आकार की कुंडलियां पहनी हैं, जबकि महिलाओं के हाथों में ‘ॐ’ और रुद्राक्ष की माला उनके गहरे आस्था भाव को दर्शा रही है। समूह के समन्वयक हेनरिक मोर ने बताया कि ये सभी भक्त शिवभक्ति के मार्ग पर वर्षों से हैं और इस बार महाकुंभ में त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान करने का संकल्प लेकर आए हैं।

हर साल काशी विश्वनाथ जाते थे, इस बार महाकुंभ का अनुभव
समूह की सदस्य इसाबेला ने बताया कि ब्राजील के कयापो समुदाय में धार्मिक टैटू गुदवाने की परंपरा है, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने भी शिवभक्ति का यह अनूठा स्वरूप अपनाया है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर वे महाशिवरात्रि पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और गंगा स्नान के लिए जाते थे, लेकिन इस बार महाकुंभ की ख्याति सुनकर प्रयागराज पहुंचे हैं।
आध्यात्मिक अनुभव से जीवन में नई ऊर्जा
ब्राजील के इन श्रद्धालुओं का मानना है कि महाकुंभ न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि आत्मिक शांति और आध्यात्मिक समृद्धि का भी अवसर है। हेनरिक मोर ने कहा, "यह आयोजन हमें नई ऊर्जा और शांति देता है। संगम में स्नान करने से हमें मोक्ष की प्राप्ति का एहसास होता है।"
महाशिवरात्रि के पावन स्नान पर्व के लिए ब्राजील के ये शिवभक्त बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिससे महाकुंभ का यह आयोजन और भी भव्य और वैश्विक स्वरूप ले चुका है।
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