राज्यसभा में पेश हुआ वक्फ संशोधन बिल, विपक्ष ने जताई कड़ी आपत्ति; खड़गे बोले – "कभी स्वीकार नहीं करेंगे"
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ब्यूरो | फरवरी 13, 2025
राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संसद की संयुक्त समिति (JPC) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसे लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इस रिपोर्ट को पहले ही 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपा जा चुका था।

खड़गे का बड़ा बयान – "फर्जी रिपोर्ट स्वीकार नहीं"
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कई सांसदों ने वक्फ बोर्ड पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में असहमति नोट (Dissent Note) दिया था, लेकिन उसे हटा दिया गया, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।
खड़गे ने कहा, "यह सदन इस फर्जी रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेगा। यदि असहमति नोट को हटाया गया है, तो इसे फिर से JPC को भेजा जाए और सभी सदस्यों की राय शामिल करने के बाद दोबारा पेश किया जाए। यदि सरकार असंवैधानिक तरीके से कोई कदम उठाएगी, तो हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।"
विपक्ष का एकजुट विरोध, सपा और शिवसेना ने भी जताई नाराजगी
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि विपक्ष इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहा है और इसमें कई सत्तारूढ़ दलों के सहयोगी भी उनके साथ हो सकते हैं।
शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने आरोप लगाया कि JPC में धारा-दर-धारा चर्चा कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा, "JPC का गठन विधेयक के प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए किया गया था। लेकिन हमें गवाहों के जवाब नहीं दिए गए। हमारी असहमति को रिपोर्ट से हटा दिया गया, जो पूरी तरह से गलत है।"
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने भी इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि रिपोर्ट से असहमति नोट को सेंसर कर दिया गया। उन्होंने कहा, "अगर हम लोकतंत्र में जी रहे हैं, तो सभी की राय को दिखाया जाना चाहिए। हमारी असहमति को काले स्याही या सफेद कागज से छिपा दिया गया है, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।"
सरकार का बचाव, BJP ने रिपोर्ट को बताया पारदर्शी
वहीं, भाजपा ने रिपोर्ट का बचाव किया। बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि JPC की 655 पन्नों की रिपोर्ट पूरी तरह से विस्तृत और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत तैयार की गई है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्ष की आपत्तियां भी रिपोर्ट में शामिल की गई हैं। यह संशोधन पूरी तरह से एक नेक मकसद के साथ लाया गया है।"
क्या है वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024?
वक्फ अधिनियम, 1995 को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए लागू किया गया था, लेकिन लंबे समय से इस पर भ्रष्टाचार, अवैध अतिक्रमण और कुप्रबंधन के आरोप लगते रहे हैं।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 इन समस्याओं के समाधान के लिए कई अहम सुधार लाने का प्रस्ताव करता है, जिनमें शामिल हैं:
वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण
सख्त ऑडिट व्यवस्था और पारदर्शिता
अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया को मजबूत बनाना
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन करता है और उनकी असहमति को नजरअंदाज कर पारित किया जा रहा है।
अब देखना होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर सहमति बन पाती है या नहीं।
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