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"लोक साहित्य में बसता है असली इतिहास": दत्तात्रेय होसबले

लेखक की तस्वीर: संवाददाता संवाददाता

संवाददाता | फरवरी 22, 2025


लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने शुक्रवार को कहा कि भारत की संस्कृति एक है, भले ही इसकी अभिव्यक्ति अलग-अलग क्षेत्रों में अलग रूप में दिखती हो। वह लखनऊ में प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी की पुस्तक के विमोचन समारोह में बोल रहे थे।


होसबले ने कहा, "यह पुस्तक संपूर्ण राष्ट्र के लोक जीवन को दर्शाती है। मेरी मातृभाषा कन्नड़ है, लेकिन जब मैंने इस पुस्तक को पढ़ा, तो इसमें मुझे अपने क्षेत्र का लोकजीवन भी नजर आया।"

 
दत्तात्रेय होसबले
 

उन्होंने संस्कृति को संरक्षित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "इतिहास केवल पाठ्यपुस्तकों में नहीं मिलता। आम लोगों का वास्तविक इतिहास लोक जीवन और लोक साहित्य में समाहित होता है। जो इतिहास हमें पढ़ाया जाता है, वह आमतौर पर राजाओं, युद्धों और विजयों के इर्द-गिर्द घूमता है, लेकिन लोक साहित्य में हमें आम जनता के जीवन की सच्ची झलक मिलती है।"


उन्होंने आगे कहा कि "हर भाषा और क्षेत्र में अपनी मातृभूमि के प्रति गहरा सम्मान देखने को मिलता है। आम लोग अपनी बोलियों के माध्यम से संस्कृति को संजोते हैं, और समय के साथ यही बोलियां लिखित साहित्य का रूप ले लेती हैं।"


होसबले के इस विचार ने एक बार फिर लोक साहित्य और संस्कृति के महत्व को रेखांकित किया, जिससे आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा मिलेगी।

 


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