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विधानसभा में शिवपाल यादव का तंज: "सरकार ने गंगा को बना दिया इवेंट मैनेजमेंट सेंटर"

लेखक की तस्वीर: ब्यूरोब्यूरो

ब्यूरो | फरवरी 20, 2025


लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गंगा को इवेंट मैनेजमेंट का केंद्र बना दिया है, लेकिन सच्चाई यह है कि गंगा का पानी अब आचमन योग्य भी नहीं रहा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि 2025 तक गंगा की शुद्धता का जो दावा किया गया था, वह कहां है?

 
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"महंगाई चरम पर, जनता बेहाल"

शिवपाल यादव ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में महंगाई और बेरोजगारी बेकाबू हो चुकी है, लेकिन सरकार सिर्फ आत्मप्रशंसा में जुटी है। उन्होंने कहा, "बातों से पेट नहीं भरता, सरकार को यह समझना होगा।" उन्होंने प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिकता और आर्थिक अस्थिरता पर भी चिंता जताई।


"महाकुंभ अव्यवस्था का महाकुंभ बन गया"

महाकुंभ को लेकर भी उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने इसे आस्था के नाम पर अव्यवस्था का प्रतीक बना दिया है। किसान अपनी फसल लागत से कम दाम में बेचने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार जमीनी मुद्दों की बजाय प्रचार में लगी हुई है।


बीजेपी ने किया पलटवार

भाजपा विधायकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। लखनऊ उत्तरी के विधायक डॉ. नीरज बोरा ने महाकुंभ की भव्यता को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस आयोजन से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3.5 लाख करोड़ रुपये का बूस्टर मिला। उन्होंने कहा कि यूनेस्को ने महाकुंभ को विश्व की सबसे बड़ी सांस्कृतिक परंपरा बताया है, और इसमें अब तक करोड़ों सनातनी स्नान कर चुके हैं।


"सनातनियों को डेंगू-मलेरिया कहने वाले मथुरा में कारसेवा करेंगे"

देवरिया सदर से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग आज सनातनियों को डेंगू-मलेरिया कह रहे हैं, वे जल्द ही मथुरा में कारसेवा करते नजर आएंगे


अभिभाषण के समर्थन और विरोध में जोरदार बहस

भाजपा के कई विधायकों ने अभिभाषण के समर्थन में अपनी बात रखी और सरकार की नीतियों की प्रशंसा की, जबकि सपा और विपक्षी नेताओं ने इसे महज जुमलेबाजी करार दिया। सपा विधायक फहीम इरफान ने मुरादाबाद हवाईअड्डे से विमान सेवा शुरू करने और शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने की मांग रखी।


विधानसभा में इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई, जिससे साफ है कि गंगा की स्वच्छता, महंगाई, बेरोजगारी और महाकुंभ जैसे विषय आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभाने वाले हैं

 


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